Traditional marketing and digital marketing दोनों ही मार्केटिंग करने के अलग अलग तरीके हैं
इसके पहले कि हम दोनों की तुलना एक दूसरे से करें हमें समझना होगा कि Traditional marketing and digital marketing क्या होता है
मार्केटिंग किसी भी व्यापार का अहम हिस्सा होता है किसी भी कंपनी और उसके ब्रांड के लिए मार्केटिंग का मुख्य उद्देश्य अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में लोगों को बताना और उसके माध्यम से अपने प्रोडक्ट या सर्विस को सेल करना होता है और रेवेन्यू प्राप्त करना होता है
जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस मार्केट में स्थापित हो और अच्छा बिजनेस करें इसके लिए मार्केटिंग के बेहतर से बेहतर तरीकों को अपनाना जरूरी है
जैसा कि मैंने बताया मार्केटिंग एक Funnal है जिसके अंदर बहुत सारे एलिमेंट आते हैं इस Funnal का उपयोग किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को लांच होने के पहले से लेकर उसके मार्केट में बिकने के बाद में भी लगातार चलता रहता है
किसी भी कंपनी या व्यापार को मार्केट में बने रहने के लिए या उसे लगातार बढ़ाने के लिए उसे शुरु करने के लिए मार्केटिंग के कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है
जब से प्रोडक्ट या सर्विसेज का प्रारंभ हुआ है और आज तक मार्केटिंग के कई प्रकार के विज्ञापन के तरीकों का उपयोग किया जाता रहा है
मार्केटिंग के कितने तरीके
आज यदि हम कहें कि मार्केटिंग के कितने तरीके हैं तो हम उन्हें दो भागों में बांट सकते हैं
1 Traditional marketing
2 Digital Marketing
अब हम जानते हैं कि Traditional Marketing and Digital Marketing क्या है
- Traditional Marketing
Traditional Marketing का अर्थ है परंपरागत तरीकों का इस्तेमाल करके जो मार्केटिंग की जाती है उसे Traditional Marketing कहा जाता है
Traditional Marketing में एक पुरानी मार्केटिंग की परंपरा है जिसमें हम पुराने तरीकों का इस्तेमाल करतेआये हैं
Traditional Marketing में हम विज्ञापन के लिए पोस्टर बैनर पंपलेट होल्डिंग्स का पहले से उपयोग करते आए हैं
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आरम्भ से हमने इसमें रेडियो विज्ञापन टीवी का विज्ञापन आदि उपकरणों का सहारा लेना शुरू किया
Traditional Marketing में हम ऐसी चीजों का उपयोग करते थे जिसका प्रभाव एक सीमित ऑडियंस तक ही पहुंच पाता था
यदि हम कहें किTraditional Marketing क्या है तो हम कहेंगे कि मार्केटिंग का एक ऐसा तरीका जिसके द्वारा हम अपने सीमित ऑडियंस सीमित क्षेत्र सीमित समय तक अपने प्रोडक्ट या सर्विस की जानकारी दे सकें
लेकिन उस समय मार्केटिंग का एकमात्र यही तरीका था जो आज के समय के हिसाब से महंगा होता है
2 Digital Marketing
Digital Marketing प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करने का एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से कम समय में अधिक ऑडियंस असीमित क्षेत्र में पहुंचा जा सकता है
अर्थात Digital Marketing के माध्यम से कम पैसे में अधिक लोगों तक एक बड़े क्षेत्र को कवर किया जा सकता है
इसके द्वारा जो तरीका उपयोग में लाया जाता है इसमें आधुनिक चीजों का उपयोग किया जाता है
जब से इंटरनेट काआरम्भ हुआ है तब से डिजिटल मार्केटिंग की शुरुआत हुई है जैसे-जैसे इंटरनेट का प्रसार बढ़ता गया तब से इसका प्रभाव बढ़ता गया है और आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग सबसे सुलभ मार्केटिंग बन गया है
Digital Marketing में जो भी मार्केटिंग के तरीके अपनाए जाते हैं
Digital Marketing में जो भी मार्केटिंग के तरीके अपनाए जाते हैं उनमें
1 S M S Marketing
2 Facebook business
3 Instagram business
4 Google business
5 Whatsapp business
- Twitter आदि
प्लेटफार्म जो Digital Marketing के रूप में उपयोग किए जाते हैं
Traditional Marketing and Digital Marketing में क्या अंतर है
Tradition Marketing
1 Traditional Marketing मार्केटिंग का परंपरागत तरीका है
2 एक समय में एक स्थानीय क्षेत्र को टारगेट करता है
- Traditional Marketing वक्त एवं पैसा दोनों अधिक खर्च करता है
- Traditional Marketing उस ऑडियंस को भी टारगेट बनाती है जिसे इसमें कोई रुचि नहीं होती है
- इसके द्वारा अपनी पहुंच सही ऑडियंस तक नहीं हो पाती है सही टारगेट कवर नहीं कर पाती है
- Traditional Marketing में ब्रांड का नाम बनाने में समय और पैसा अधिक खर्च होता है
7Traditional Marketing में एनालिसिस करना नहीं हो पाता है कि अपनी जानकारी कितने लोगों तक पहुंची और उनका उसके प्रति क्या रिएक्शन है
- इसके साधन कम उपलब्ध होते हैं
- इसमें बहुत अधिक effort की आवश्यकता पड़ती है
Digital Marketing
- Digital Marketingमार्केटिंग का अपडेटेड वर्जन है यानी कि आज का आधुनिक तरीका मॉडर्न तरीका
- एक समय में व्यापक ऑडियंस एवं क्षेत्र को कवर किया जाता है
- Digital Marketing में समय और पैसा कम खर्च करके भी अधिक लोगों तक पहुंच पहुंचा जा सकता है
4, Digital Marketing केवल उस ऑडियंस को टारगेट करती है जिसे उसमें रूचि होती है
- इसमें निश्चित ऑडियंस तक सही टारगेट पर पहुंच हो पाती है
- Digital Marketing के द्वारा ब्रांड का नाम बहुत आसानी से कम समय में और कम खर्च में बनाया जा सकता है
- इसमें आप पता कर सकते हैं कि आपकी पहुंच कहां तक है उनका क्या रिएक्शन है इसका एनालिसिस किया जा सकता है
- Digital Marketing में बहुत सारे तरीके उपलब्ध है
- इसमें Effort तो लगता है परंतु बहुत आसानी से किया जा सकता है
Traditional Marketing and Digital Marketing के मुख्य बिंदु
Traditional Marketing के मुख्य बिंदु
- प्रिंट मीडिया – इसमें पोस्टर बैनर पंपलेट पत्रिकाये समाचार पत्र आदि प्रिंट मीडिया के साधन है।
- प्रसारण – टेलीविजन रेडियो इसके माध्यम से भी मार्केटिंग के विज्ञापन दिए जाते हैं
- आउट बांड मार्केटिंग – इसमें बिलबोर्ड होल्डिंग्स जो घरेलू मार्केटिंग के साधन है जो समय के साथ उपभोक्ताओं को प्रभावित करते हैं
- वन टू वन मार्केटिंग इसमें टेलीमार्केटिंग या एसएमएस मार्केटिंग शामिल है जिसमें वक्ताओं को एसएमएस या टेलीफोन के माध्यम से प्रोडक्ट सर्विस की जानकारी दी जाती है
Digital Marketingके मुख्य बिंदु
- Email Marketing – इसके माध्यम से ग्राहकों को डिस्काउंट नए प्रोडक्ट के बारे में ऑफर के बारे में ईमेल भेजकर ऑडियंस को टारगेट किया जाता है
2 . Social Media Markting – इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट सर्विस के बारे में जानकारी देकर टारगेट ऑडियंस तक पहुंचा जाता है
3 Content Marketing – टारगेट ऑडियंस के लिए अपने प्रोडक्ट व सर्विस के लिए कंटेंट बनाना ताकि ब्रांड की जागरूकता पैदा की जा सके ट्राफिक बढ़ाया जा सके लीड पैदा की जा सके
- Search Engine Optimisation – इसका मतलब है कि अपनी वेबसाइट को इस प्रकार से Design करना जिससे वह गूगल के सर्च रिजल्ट में टॉप पर आ सके इसका मुख्य उद्देश्य ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाना है
5.Affiliatel Marketing – इसमें कंपनी अपने प्रोडक्ट व सर्विस को प्रमोट करने के लिए प्रमोट करने वाले को कुछ प्रतिशत कमीशन का ऑफर देती है और उसके द्वारा अपने प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करवाती है
6.l Marketing Automation यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रभावी तरीकों से मार्केटिंग कार्य को करने वाले कार्यों को स्वचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है
दोनों में से कौन सा तरीका बेहतर है
Traditional Marketing and Digital Marketing के अंतर के बाद अब हम जानते हैं कि इन जैसे कि हमने दोनों मार्केटिंग के बारे में जाना कि दोनों का अंतर क्या है इससे यह बात समझने में हमें सुविधा होगी कि दोनों मे बेहतर कौन है
हम देखते हैं कि Traditional Marketing and Digital Marketing का अपने अपने क्षेत्र में क्या प्रभाव है दोनों के बीच में कौन बेहतर है
Traditional Marketing and Digital Marketingमैं मुख्य अंतर माध्यम का है
Traditional Marketing में न्यूज़पेपर पोस्टर बैनर होर्डिंग से मार्केटिंग की जाती है वही
Digital Marketingमैं डिजिटल मीडिया जैसे सोशल मीडिया वेबसाइट के माध्यम से मार्केटिंग की जाती है
अब इन दोनों में कौन बेहतर है यहदोनों में से कौन सा तरीका बेहतर है
इस बात पर निर्भर करता है कि आपका प्रोडक्ट या सर्विस क्या है प्रोडक्ट या सर्विस किस माध्यम के लिए अधिक उपयुक्त है उस माध्यम का उपयोग करते हैं तब आप अपने मार्केटिंग के काम को बेहतर ढंग से कर सकते हैं इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है
जैसे कोई कंपनी टूथपेस्ट ब्रश साबुन जैसे रोज एवं प्रत्येक व्यक्ति के उपयोग में आने वाले प्रोडक्ट बनाती है तब उसे प्रत्येक व्यक्ति तक अपने प्रोडक्ट का प्रमोशन करना जरूरी होता है
यदि वह केवल Traditional Marketing से प्रमोट करते हैं तब सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगों तक नहीं पहुंच पाएगी
और यदि वह केवलDigital Marketing के माध्यम से प्रमोट करती है तब ऑडियंस सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं है तब उन लोगों तक अपने प्रोडक्ट की जानकारी नहीं दे सकती है
इसलिए ऐसे प्रोडक्ट व सर्विस के प्रमोशन के लिए दोनों प्लेटफार्म पर जाना जरूरी है तभी पूरी ऑडियंस टारगेट हो सकती है
दूसरा यदि कोई कंपनी सॉफ्टवेयर बनाती है और उसे इसका प्रमोशन करना है उसे पता है कि सॉफ्टवेयर का उपयोग ज्यादा लोग नहीं करते हैं और जो सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं वे सारे लोग डिजिटल मीडिया पर एक्टिव होते हैं तब उसे केवल Digital Marketing से प्रमोट करना पड़ता है
तो सबसे जरूरी है अपने बिजनेस की आवश्यकता को जानना और मार्केटिंग के सही तरीकों को अपनाना
आर्टिकल में हमने जाना Traditional Marketing and Digital Marketing क्या है और इसमें क्या अंतर है
Traditional Marketing and Digital Marketing मैं बेहतर क्या है
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